भारत सरकार ने स्पीक एशिया प्रबंधन को भारत में कारोबार के लिए एक विकल्प सुझाया है, कि पुरानी सभी देनदारियां चुकाओ और नए सिरे से भारत में रजिस्ट्रेशन कराकर काम शुरू करो। स्पीक एशिया प्रबंधन के सामने अब पुरानी देनदारियां चुकाने के रास्ते में कोई हर्डल बाकी नही रह गया है, लेकिन प्रबंधन अभी तक तय नहीं कर पाया है कि वह अपने पेनलिस्टों की पुरानी देनदारियां किस प्रकार चुकता करेगा।
सूत्र बताते हैं कि स्पीक एशिया के भारत में कारोबार के लिए सरकार पूरी तरह तैयार है, लेकिन वह चाहती है कि कंपनी पूरी तैयारियों के साथ आए और कुछ इस तरह से कारोबार चले कि भारत के वर्तमान 20 लाख और इसके बाद जुडऩे वाले पेनलिस्टों के हित सुरक्षित रहें, उनके साथ कभी धोखा न हो पाए। इसलिए वह चाहता है कि स्पीक एशिया कंपनी या तो भारत में संपत्ति जुटाए या नगद रकम सरकार के पास सुरक्षित रखे, ताकि वक्त जरूरत काम आवे।
सरकार ने स्पीक एशिया प्रबंधन को विकल्प दिया है कि या तो वह सभी पुरानी देनदारियां चुकता कर दे या फिर जो देनदारियां बाकी हैं, उतनी ही रकम सरकारी खजाने में जमा करा दे। सरकार सभी लेनदारों को चुकता कर देगी और कंपनी नए रजिस्ट्रेशन के साथ काम शुरु करे।
स्पीक एशिया प्रबंधन ने इस मामले में अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है। प्रबंधन उन तमाम तरीकों को खोजने की कोशिश कर रहा है जिनको अपनाकर बिना नगद भुगतान किए, सभी देनदारियां चुकता की जा सकें।
आपातकालीन मीटिंगों का दौर जारी है और किसी न किसी महत्वपूर्ण सदस्य को विदेश यात्रा पर बताकर प्रबंधन विषय को कुछ समय और खींचने का प्रयास कर रहा है। देखते हैं अगला कदम क्या सामने आता है।
सूत्र बताते हैं कि स्पीक एशिया के भारत में कारोबार के लिए सरकार पूरी तरह तैयार है, लेकिन वह चाहती है कि कंपनी पूरी तैयारियों के साथ आए और कुछ इस तरह से कारोबार चले कि भारत के वर्तमान 20 लाख और इसके बाद जुडऩे वाले पेनलिस्टों के हित सुरक्षित रहें, उनके साथ कभी धोखा न हो पाए। इसलिए वह चाहता है कि स्पीक एशिया कंपनी या तो भारत में संपत्ति जुटाए या नगद रकम सरकार के पास सुरक्षित रखे, ताकि वक्त जरूरत काम आवे।
सरकार ने स्पीक एशिया प्रबंधन को विकल्प दिया है कि या तो वह सभी पुरानी देनदारियां चुकता कर दे या फिर जो देनदारियां बाकी हैं, उतनी ही रकम सरकारी खजाने में जमा करा दे। सरकार सभी लेनदारों को चुकता कर देगी और कंपनी नए रजिस्ट्रेशन के साथ काम शुरु करे।
स्पीक एशिया प्रबंधन ने इस मामले में अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है। प्रबंधन उन तमाम तरीकों को खोजने की कोशिश कर रहा है जिनको अपनाकर बिना नगद भुगतान किए, सभी देनदारियां चुकता की जा सकें।
आपातकालीन मीटिंगों का दौर जारी है और किसी न किसी महत्वपूर्ण सदस्य को विदेश यात्रा पर बताकर प्रबंधन विषय को कुछ समय और खींचने का प्रयास कर रहा है। देखते हैं अगला कदम क्या सामने आता है।