Good Evening Speakasians,
यदि आप को ८ अक्टूबर, २०११ का मेरा अद्यतन याद है, मैंने इस पूरे परिवार को एक विलम्बित विजयादशमी की बधाई दी थी .मैंने यह भी कहा था कि, हम Speakasians के लिए विजयादशमी , अभी आनी बाकी है.
Speakasians , आज सामान्यकरण की ओर हमारी यात्रा की शुरुआत है, आज जीत की ओर पहला कदम था, तो मैं कहना चाहता हूँ कि आज हमारे लिए हमारी विजयादशमी है और दीवाली उस दिन होगी जिस दिन कारोबार पुनरारंभ होगा.
मुझे अनुमति दें, बहुत ज्यादा ख़ुशी से ,आज की घटनाओं का बयान करना , कि कैसे वे माननीय सुप्रीम कोर्ट में घडीं
शुरुआत में कंपनी के वरिष्ठ सलाहगार ,वकील श्री गोपाल सुब्रमण्यम (भूतपूर्व . भारत के सॉलिसिटर जनरल) ने माननीय अदालत का ध्यान केंद्रीत किया कंपनी के इरादे क़ी ओर, अदालत में दायर उनके हलफनामे के माध्यम से जिसमे बहुत स्पष्ट किया है ,कि वे शीघ्र सभी पैनलइस्ट्स की पूरी बकाया राशि की भुगतान करना चाहते हैं, लेकिन ऐसा करने के लिए असमर्थ है, क्योंकि RBI के २३ मई २०११ के "चेतावनी परिपत्र "के आधार पर बैंकों ने लेन देन पर रोक लगा दी.
अदालत ने RBI के निरंतर अनुपस्तिथि की सराहना नहीं क़ी. RBI आज भी अनुपस्थित था हालांकि उन्हें सूचना लगभग १८ दिन पहले दी गयी थी .माननीय. अदालत ने यह बड़ी अनुचित बात ,अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल श्री किरीट एन रावल जो अदालत में मौजूद थे को दर्शायी और उन्होंने अब अदालत को आश्वासन दिया है कि वह सुनिश्चित करेंगे कि RBI अगली तारीख पर उनका जवाब दर्ज करेगी
कंपनी के वकील ने आगे सुझाव किया कि किसी भी उपयुक्त सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया जाए. अदालत ने अब न्यायाधीश श्रीमान रमेश चंद्र लाहोटी (सुप्रीम कोर्ट के ३५ वे चीफ जस्टिस) को समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया है जो त्वरित भुगतान के लिए रूपरेखा तय करेगी
अदालत ने कंपनी से जानना चाहा कि क्या उनके पास पैनलइस्ट्स की पूर्ण देय राशि का विवरण है जिसपर कंपनी ने जवाब दिया कि अगर कंपनी की वेबसाइट जो EOW के कब्जे में है और बाकी सारे दस्तावेज जो आयकर विभाग में पड़े हैं, कंपनी को लौटा दिए जाए तो कंपनी तुरंत ही अब तक की बकाया राशि पर काम कर सकती है और शीघ्र भुगतान के लिए व्यवस्था कर सकती है.
अदालत ने पैनलइस्ट्स के सलाह्गारों से कहा EOW और आयकर विभाग को भी शामिल करने के लिए, पैनलइस्ट्स के सलाहगारों ने तुरंत उनकी मौखिक सहमति दे दी है कि दोनों को शामिल किया जा सकता है . अदालत ने उल्लेख किये दोनों को सूचना दी और अगली तारीख पर इन दोनों को यानी EOW और आयकर विभाग को उनके जवाब दर्ज करने को सूचित किया.
यदि आप को ८ अक्टूबर, २०११ का मेरा अद्यतन याद है, मैंने इस पूरे परिवार को एक विलम्बित विजयादशमी की बधाई दी थी .मैंने यह भी कहा था कि, हम Speakasians के लिए विजयादशमी , अभी आनी बाकी है.
Speakasians , आज सामान्यकरण की ओर हमारी यात्रा की शुरुआत है, आज जीत की ओर पहला कदम था, तो मैं कहना चाहता हूँ कि आज हमारे लिए हमारी विजयादशमी है और दीवाली उस दिन होगी जिस दिन कारोबार पुनरारंभ होगा.
मुझे अनुमति दें, बहुत ज्यादा ख़ुशी से ,आज की घटनाओं का बयान करना , कि कैसे वे माननीय सुप्रीम कोर्ट में घडीं
शुरुआत में कंपनी के वरिष्ठ सलाहगार ,वकील श्री गोपाल सुब्रमण्यम (भूतपूर्व . भारत के सॉलिसिटर जनरल) ने माननीय अदालत का ध्यान केंद्रीत किया कंपनी के इरादे क़ी ओर, अदालत में दायर उनके हलफनामे के माध्यम से जिसमे बहुत स्पष्ट किया है ,कि वे शीघ्र सभी पैनलइस्ट्स की पूरी बकाया राशि की भुगतान करना चाहते हैं, लेकिन ऐसा करने के लिए असमर्थ है, क्योंकि RBI के २३ मई २०११ के "चेतावनी परिपत्र "के आधार पर बैंकों ने लेन देन पर रोक लगा दी.
अदालत ने RBI के निरंतर अनुपस्तिथि की सराहना नहीं क़ी. RBI आज भी अनुपस्थित था हालांकि उन्हें सूचना लगभग १८ दिन पहले दी गयी थी .माननीय. अदालत ने यह बड़ी अनुचित बात ,अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल श्री किरीट एन रावल जो अदालत में मौजूद थे को दर्शायी और उन्होंने अब अदालत को आश्वासन दिया है कि वह सुनिश्चित करेंगे कि RBI अगली तारीख पर उनका जवाब दर्ज करेगी
कंपनी के वकील ने आगे सुझाव किया कि किसी भी उपयुक्त सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया जाए. अदालत ने अब न्यायाधीश श्रीमान रमेश चंद्र लाहोटी (सुप्रीम कोर्ट के ३५ वे चीफ जस्टिस) को समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया है जो त्वरित भुगतान के लिए रूपरेखा तय करेगी
अदालत ने कंपनी से जानना चाहा कि क्या उनके पास पैनलइस्ट्स की पूर्ण देय राशि का विवरण है जिसपर कंपनी ने जवाब दिया कि अगर कंपनी की वेबसाइट जो EOW के कब्जे में है और बाकी सारे दस्तावेज जो आयकर विभाग में पड़े हैं, कंपनी को लौटा दिए जाए तो कंपनी तुरंत ही अब तक की बकाया राशि पर काम कर सकती है और शीघ्र भुगतान के लिए व्यवस्था कर सकती है.
अदालत ने पैनलइस्ट्स के सलाह्गारों से कहा EOW और आयकर विभाग को भी शामिल करने के लिए, पैनलइस्ट्स के सलाहगारों ने तुरंत उनकी मौखिक सहमति दे दी है कि दोनों को शामिल किया जा सकता है . अदालत ने उल्लेख किये दोनों को सूचना दी और अगली तारीख पर इन दोनों को यानी EOW और आयकर विभाग को उनके जवाब दर्ज करने को सूचित किया.
दोस्तों , साथी Speakasians मैं कंपनी की वर्तमान स्थिति और व्यावसायिक गतिविधियों में ठहराव आने के कारण क़ी ओर आपका एकत्रित ध्यान केंद्रीत करना चाहता हूँ
दोस्तों, किसी भी प्राधिकारी या एजंसी द्वारा अब तक कंपनी के खिलाफ निरोधक आदेश नहीं हैं. गतिविधि पर केवल दो प्रमुख मुद्दों की वजह से एक ठहराव आ गया है:
a) कंपनी की वेबसाइट EOW के कब्जे में है जिसकी वजह से हम पैनलइस्ट्स वेबसाइट पर किसी भी गतिविधि का कार्य नहीं कर सकते हैं
b) हमारे खातों में कोई आवक विप्रेषण( राशि जमा करने) क़ी अनुमति नहीं दी गई है
कंपनी के खिलाफ इन दो मुद्दों को छोड़कर कुछ भी नहीं है जो इस व्यवसाय को एक ठहराव में ला सकता था..
यदि आप सुप्रीम कोर्ट के आज के इस मामले के पूरे प्रकरण को पढें, तो अदालत ने इन दोनों मुद्दों को लगभग, सामान्यकृत करने के लिए अनुमति दी है. यदि ऐसा होता है तो मुझे लगता है कि व्यापार गतिविधियों का सामान्य होना बहुत दूर नहीं है और उम्मीद है कि ऐसा हो सुप्रीम कोर्ट कि अगली तारीख तक, जो नवंबर के पहले सप्ताह में है
माननीय.अदालत ने दो सप्ताह के लिए बात स्थगित कर दी है.
Aispa के माध्यम से संपर्क करके किसीने यह सुझाव भेजा था "SAOL के ऊपर से भारी वक़्त गुजर जायेगा , १५ नवम्बर के बाद कोई नहीं रोक पायेगा SAOL को इंडिया का अगला सुपर कॉर्पोरेट बनने से .”
प्रतियोगी और आलोचक हमारे सुधार और विकास के लिए योगदानकर्ता हैं ... हमेशा उन्हें धन्यवाद और आशीर्वाद दे" ... ... अनाम
जैसे मैं हमेशा कहता हूँ कि धैर्य रखो , भरोसा रखो और कंपनी पर भरोसा रखो
गर्व Speakasian होने पर .... वास्तव में बहुत गर्व है
जय Speakasia
अशोक बहिरवानी
सचिव
AISPA